भारतीय डाक विभाग ने अपने नए नियुक्ति पाने वाले सभी ग्रामीण डाक सेवकों को राहत प्रदान करते हुए सुरक्षा राशि जमा कराने संबंधी आदेश समाप्त कर दिया।
अब पुराने लगे हुए ग्रामीण डाक सेवक जिन्होंने पहले एफजी/सुरक्षा बाण्ड जमा कराया हुआ है, उन्हें उसका नवीनीकरण नहीं कराना होगा। क्योंकि विभाग ने अपने पत्र संख्या 17-18/2018-जीडीएस दिनांक 17.11.2021 के तहत ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली सुरक्षा राशि की समीक्षा करते हुए इसे समाप्त कर दिया है। विभाग द्वारा यह पत्र सहायक महानिदेशक जीडीएस/पीसीसी, डी.के. त्रिपाठी के हस्ताक्षर से जारी किए हैं।
पहले क्या होता था
गौरतलब है कि पूर्व में ग्रामीण सेवकों को सुरक्षा राशि/एफजी बांड बतौर गारंटी प्रस्तुत करना होता था। यदि ग्रामीण डाक सेवक सुरक्षा राशि जमा कराना चाहते थे तब उन्हें राष्ट्रीय बचत पत्र रुपए एक लाख मात्र का प्रस्तुत करना होता था। ऐसे में इतनी बड़ी रकम ग्रामीण डाक सेवकों को जमा करने बड़ी समस्या आती थी। ऐसे में ज्यादातर ग्रामीण डाक सेवक फिडेलिटी गारंटी बॉण्ड ही प्रस्तुत करते थे। यह बॉण्ड किसी भी मान्यता प्राप्त सहकारी समितियों से खरीदा ज्यादा था जिसकी वैधता 5 वर्ष की होती थी। अब विभाग ने इसे समाप्त कर दिया है।
विभाग ने परिमण्डलों को निम्न आदेश दिया है-
1. नए लगे हुए जीडीएस या जीडीएस से कोई नया एफजी/सुरक्षा बांड प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।
2. मौजूदा एफजी/सिक्योरिटी बॉन्ड को मौजूदा बॉन्ड की मुद्रा की समाप्ति के बाद नवीनीकृत करने की आवश्यकता नहीं है।
3. जहां हानि और धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में जीडीएस शामिल हैं, सभी लंबित सतर्कता/अनुशासनात्मक मामलों की समीक्षा करने के लिए सर्किलों को यह सुनिश्चित करना है कि हानि और धोखाधड़ी में शामिल राशि की वसूली ऐसे जीडीएस द्वारा प्रस्तुत एफजी/सिक्योरिटी बॉन्ड से मुद्रा की समाप्ति से पहले की जाए।
4. यदि ग्रामीण डाक सेवक द्वारा प्रस्तुत की गई मौजूदा एफजी/सिक्योरिटी बॉन्ड की वैधता समाप्त हो जाती है ऐसे नुकसान में जीडीएस से वसूली और धोखाधड़ी के मामलों को जीडीएस (आचरण एवं एंगेजमेंट) नियम, 2020 के नियम 9 और नियम 10 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
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