भारतीय
मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री दीनानाथ रूंथला ने बताया कि महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, ओडिशा, बिहार आदि कुछ राज्य
सरकारों द्वारा श्रम कानून में बदलाव करते हुए मजदूरों के काम करने के घंटे 8 की
जगह 12 घंटे कर दिये गये हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं
गुजरात प्रदेश सरकारों द्वारा तीन साल या उससे अधिक समय के लिए श्रम कानूनो को स्थगित
कर दिया गया है.
भारतीय
मजदूर संघ का मानना है कि राज्य सरकारों की ये हरकतें भ्रामक, गैरकानूनी, अनुचित, मानवता के खिलाफ, मौलिक अधिकारों का
उल्लंघन, आईएलओ
कन्वेंशन-47 का उल्लंघन और विकास की दृष्टि के खिलाफ भी है. इसके विरोध में भारतीय
मजदूर संघ आज पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रहा है.
भारतीय
मजदूर संघ राजस्थान प्रदेश ने आज पूरे प्रदेश में अपनी 350 यूनियनों व 28 महासंघों
की ईकाईयों के द्वारा विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति जी को जिला कलेक्टर
एवं प्रबंधन के माध्यम से ज्ञापन भिजवाया.
बी एम
एस ने मांग की है कि 1. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं गुजरात प्रदेश सरकारों द्वारा तीन साल
या उससे अधिक समय के लिए श्रम कानूनो को स्थगित करने की कार्यवाही तत्काल वापस की
जाए 2. महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, ओडिशा, बिहार आदि की राज्य सरकारों द्वारा बढ़ाए गए काम के घंटों
की तत्काल वापसी की जाये 3. सभी श्रमिकों को सरकार लाक डाउन पीरियड के 17 मई तक का
वेतन भुगतान उद्योगों से करवाए उसके बाद का वेतन स्वयं दे. 4. प्रवासी श्रमिकों के
लिए दोनों तरफ (जाने वाले स्थान एवं पहुंचने वाले स्थान) पर भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, परिवहन, काम आदि सुनिश्चित
किया जाए. 5. माननीय सर्वोच्च न्यायालय मजदूरों की बदहाली व सड़कों पर बिखरी मौतें
जिनका कारण वेतन भुगतान न होने से हुई आर्थिक तंगी को स्वयं संज्ञान लेते हुए इसके
लिए जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करे जिनके कारण यह
स्थिति बनी है 6. प्रवासी श्रमिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार किया जाए.
साथ ही
राजस्थान के पाली जिले में भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री रामनाथ
सिंह की न्यायिक अभिरक्षा में 18 मई को हुई हत्या की सीबीआई से जांच करवाने एवं
उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग
को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सभी महासंघों एवं यूनियनों ने जिला कलेक्टर के माध्यम
से ज्ञापन दिया.
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