“परीक्षा”…. यह शब्द सुनते
ही कई डाक कर्मियों में एक सनसनी फैल जाती है. अब तो डाकघरों में भी परीक्षा का
मौसम चल रहा है और डाक कर्मियों में Exam
Preparation को लेकर काफी चिंतायें है. तो मैंने सोचा
क्यूँ न मैं आप सभी को Exam Preparation के
बारे में कुछ Tips शेयर
करूँ जिसे कई सफलता प्राप्त करने वाले आईपीओएस ने अपने जीवन में अपनाया है. ऐसा
पाया की ऐसा कई बार होता है हम बहुत ही अच्छे से अपने परीक्षा की तैयारी करते हैं
पर परीक्षा में हम उतना अच्छा नहीं कर पाते और कई गलतियाँ कर बैठते हैं, जिससे हमें बहुत
ही दुःख होता है और हमारे आत्मविश्वास में कमी दिखाई देती है. मैं आप लोगों को यह
बात बता दूँ की पढाई करने की कला और परीक्षा देने की कला दोनों में बहुत अंतर है.
एक परीक्षार्थी को
दोनों ही पहलुओं में बराबर
ध्यान देना चाहिए,
यदि वह परीक्षा
में अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहता है तो नीचे बताये गए कुछ
आसान तरीके को यदि वह ठीक तरीके से पालन करे तो मेरा यह 100% दावा है की आपके
Score में कम से कम 50%
की Improvement जरूर
होगी. तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते हैं
मेरा मानना है की हमारे यहाँ परीक्षायें साल भर में केवल 1 व दो ही होती हैं यदि हम 1 साल (365 दिन) को लेकर चलें तो जाहिर सी
बात है की बाकि के दिनों में हम काफी बिंदास और चिंता रहित (Tension
Free) रहते
हैं, साथ ही दूसरा कारण यह भी है कि हम
लगातार डाकघरों में 10 – 12 घंटे काम करने के बाद इस हालत में
नहीं रहते हैं कि पढाई कर सकें।
दुसरे कारणों भी जिम्मेदार हैं
जैसे की हमारी Practice की कमी, एक
अच्छी Planning का न होना.
प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के
उपाय –
1
नियमित Self Test दें: एक नयी अभ्यास की शुरूवात करें,
Self-test (आत्म
परीक्षण) हर दिन देने की. दिनभर आप जो कुछ भी पढ़ें उसे Short points
में अपनी Copy में लिखें. और कुछ निर्धारित
प्रश्न तैयार कर उसे बिना देखे लिखने की कोशिश करें. इन सभी Test को जांच के लिए अपने दोस्त या
अपने शिक्षकों की सहायता लें. और यदि यह भी मुमकिन न हो तो आप खुद भी अपने Answer
Sheet जांच
कर सकते हैं. मेरा यह मानना है की आत्म परीक्षण (Self Introspection) करने से हमें अपने गलतियों का
आभास होगा ताकि भविष्य में हम उन गलतियों को न दोहराएँ. इससे माइनस मार्किंग से बचा
जा सकता है।
2
परीक्षा के पहले की पढाई पर
निर्भर न करें: यह बहुत ही छोटी सी आदत है की
हमें पढाई की शुरुवात से ही अपने विषयों में ध्यान देनी चाहिए न की केवल परीक्षा
के पहले. अगर इसी छोटी आदत को कोई भी अपने जीवन में अपना ले तो उसे परीक्षा की कोई
टेंशन नहीं रहेगा और वह उन दिनों में काफी Relax और शांत होकर परीक्षा लिख सकता
है.
3
शांत मस्तिष्क: Research से यह पाया गया है की एक शांत
मस्तिष्क 4 गुनी
ज्यादा बेहतर काम कर सकता है एक अशांत मस्तिष्क के मुकाबले. और यदि हमारा मस्तिष्क
शांत हो तो हमारी गलतियाँ भी कम होगी और हम बहुत ही अच्छी तरह से परीक्षा लिख सकते
हैं.
परीक्षा के आखिरी कुछ दिन केवल Revision के लिए उपयुक्त हैं: आम तोर से यह पाया गया है की 90% परीक्षार्थी परीक्षा के कुछ दिनों
पहले ही पढाई की शुरुवात करते हैं. ऐसा करने से उन्हें काफी कम समय में बहुत
ज्यादा Course पढना पढता है. इसी कारण परीक्षा के आखिरी महीने में केवल Revision करनी चाहिए. जिससे की हमें अपने
विषयों में अच्छी पकड़ हासिल होगी और परिणाम स्वरुप हमारा मन भी शांत होगा परीक्षा
के दिनों में.
कैसे अपने परीक्षा प्रस्तुति में बेहतर परिणाम करें –
·
अपने किताब की हर विषयों को अच्छी तरह समझें पढ़ने के
वक़्त और यदि समझ में न आये तो अपनी doubt उसी समय जरूर क्लियर करें.
·
अपने विषयों का लगातार अभ्यास करें.
·
जब भी कोई महत्वपूर्ण जानकारी दिख जाये तो उसे underline करना न भूलें और उसे अपने Note Book में लिख रखें.
·
अपनी Note Book को समय समय पर Update करना न भूलें ऐसा करने से आप को
आखिर में Revision करने में आसानी होगी.
किसी भी विषम (odd) परिस्थिति से निपटने के लिए हमेसा
अपने पास एक Subsidiary Plan तैयार रखें ताकि आपको Exam के टाइम ज्यादा Tension लेनी न पड़े. जैसे की आप क्या
करेंगे
·
यदि
कुछ Questions आपके Course से बाहर के हैं
·
यदि आपको कुछ Question के Answer पता नहीं है
·
यदि प्रसंन पत्र कठिन आ जाये तब
·
यदि आप किसी प्रश्न में ज्यादा समय व्यतीत कर दें तब
·
यदि आप हड़बड़ी में Calculation mistake कर दें तब
·
यदि आप की तबियत परीक्षा के पहले थोडा ख़राब हो जाये तब
·
यदि आपको परीक्षा का माहोल अच्छा न लगे तब
·
यदि आपको किसी question पर doubt हो जाये तब
·
और ऐसे ही कई सवाल ……..
यदि आप पहले से ही इन सब
परिस्तितियों से वाकिब रहें तो आप इन सब मौकों पर धैर्य से मुकाबला कर सकते हैं.
दूसरी बात है की यदि आप Mentally Prepared हो तो आप सभी मुश्किलों को आसानी से face कर सकते हैं.
0 Comments