वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कोरोनोवायरस महामारी के चलते केंद्र सरकार भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए घोषित दूसरे क्वार्टर के महंगाई भत्ते (डीए) की बढ़ोतरी को रोक सकता है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इसी मामलें विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों से पीएम केयर फंड में स्वैच्छिक योगदान के लिए कर्मचारियों से अपील करने को कहा है। दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 13 मार्च को ही 7 वें वेतन आयोग पर आधारित फार्मूले के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 1 जनवरी से 4 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी थी, जिसका भुगतान अभी तक कर्मचारियों को नहीं मिला है। क्योंकि सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद कोरोना महामारी के चलते इस संबंध में आदेश जारी नहीं किया है।
आपको बता दें कि यदि डीए बढ़ोतरी होती है तो इसके स्थान पर केंद्र सरकार कर्मचारियों को लगभग एक वर्ष के लिए एक दिन का वेतन कटौती का सामना करने को कह सकती है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर कर्मचारियों के साथ-साथ पीएसयू में विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे पीएम केयर्स फंड में स्वैच्छिक योगदान देने के लिए कर्मचारियों से अपील करें जिसका पत्र 16 अप्रैल को भेजा गया था।
वहीं राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय ने 17 अप्रैल को एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें कर्मचारियों को ऑप्ट-आउट क्लॉज के साथ पीएम केयर्स फंड में स्वेच्छा से योगदान करने के लिए कहा। जिसमें राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मार्च 2021 तक हर महीने अपने एक दिन के वेतन का योगदान देने के लिए अपील की गई है। हालांकि, सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि , यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को इस पर आपत्ति होती है तो वह 20.04.2020 या उससे पहले अपने कर्मचारी कोड का उल्लेख करते हुए लिखित रूप में राजस्व और राजस्व विभाग के अधिकारी को सूचित कर सकते हैं।
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