केंद्र सरकार के कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता रोके जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। जी हां सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी सेवानिवृत्त मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया ने यह याचिका दायर की है। अपनी दायर याचिका में उन्होंने महंगाई भत्ता रोके जाने के फैसले को वापस लेने के लिए कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि वह कैंसर से पीड़ित हैं जो अपनी बीमार पत्नी के साथ किराए के घर में रहते हैं, और उनका एक मात्र आय का श्रोत पेंशन ही है। उन्होंने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री के उस बात का पालन करने का निर्देश दें, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करें और वेतन में कटौती नहीं करें, क्योंकि दूसरों की तुलना में कोविड-19 वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक खतरनाक है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है, खासकर बुजुर्गों के लिए तो ऐसे समय में पेंशन भोगियों के मंहगाई भत्ते में कटौती का फैसला उचित नहीं है।
मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी जता चुके हैं विरोध
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता रोकने के फैसले पर राहुल गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मुश्किल में डालना गैरजिम्मेदाराना कदम है। इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मोदी सरकार के इस फैसले को असंवेदनशील और अमानवीय कह चुके हैं
डीए एवं डीआर पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक
केंद्र सरकार ने बीते गुरूवार को 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को दिए जाने वाला महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया था। सरकार के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण ये फैसला लिया गया है।
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